Rbi Repo Rate Cut 2026 : RBI की 50 बीपीएस रेपो दर में कटौती का फ़ायदा जानिए इसका घर खरीदारों की EMI पर क्या असर होगा

Rbi Repo Rate Cut 2026 भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा 6 जून 2025 को रेपो दर में 50 बेसिस प्वाइंट्स (0.50%) की कटौती से होम लोन उधारकर्ताओं को महत्वपूर्ण राहत मिली है। इस कटौती के परिणामस्वरूप, होम लोन की ब्याज दरें कम हो गई हैं, जिससे मासिक किस्तों (EMIs) में कमी आई है।

Rbi Repo Rate Cut 2026 EMI में संभावित कमी

  • ₹50 लाख के 20 वर्षीय होम लोन पर, ब्याज दर 9% से घटकर 8.5% होने पर:
    • EMI में लगभग ₹1,595 की मासिक बचत, जिससे कुल ब्याज भुगतान में ₹4.4 लाख तक की कमी हो सकती है ।
  • ₹1 करोड़ के 20 वर्षीय होम लोन पर, ब्याज दर 8.5% से घटकर 8% होने पर:
    • EMI में लगभग ₹3,920 की मासिक बचत, जिससे कुल ब्याज भुगतान में ₹9.4 लाख तक की कमी हो सकती है ।

Rbi Repo Rate Cut 2026 EMI कम करें या लोन अवधि घटाएं?

उधारकर्ता दो विकल्पों में से चुन सकते हैं:

  1. EMI कम करना: मासिक भुगतान कम हो जाएगा, जिससे मासिक बजट में राहत मिलेगी।
  2. लोन अवधि घटाना: EMI समान रखते हुए लोन की अवधि कम हो जाएगी, जिससे कुल ब्याज भुगतान में अधिक बचत होगी। उदाहरण के लिए, ₹50 लाख के लोन पर EMI समान रखते हुए अवधि में 10 महीने की कमी से ₹4.36 लाख तक की अतिरिक्त बचत हो सकती है ।

Rbi Repo Rate Cut 2026 क्या सभी उधारकर्ताओं को तुरंत लाभ मिलेगा?

  • फ्लोटिंग रेट लोन: अधिकांश होम लोन अब रेपो रेट से जुड़े होते हैं, इसलिए ब्याज दर में कटौती का लाभ आमतौर पर अगली रीसेट तिथि पर मिलता है।
  • फिक्स्ड रेट लोन: इन पर रेपो रेट कटौती का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
  • बैंक की नीति: कुछ बैंक तुरंत दरों में कटौती का लाभ नहीं देते; यदि आपका बैंक लाभ नहीं दे रहा है, तो आप लोन ट्रांसफर या रीनेगोशिएशन पर विचार कर सकते हैं ।

Rbi Repo Rate Cut 2026 क्या यह रियल एस्टेट के लिए सकारात्मक संकेत है?

हां, ब्याज दरों में कमी से:

  • आवासीय संपत्तियों की मांग बढ़ सकती है, विशेषकर ₹50 लाख से कम कीमत वाले घरों की।
  • होम लोन की पात्रता बढ़ सकती है, जिससे खरीदार बड़े या बेहतर घर खरीदने में सक्षम होंगे ।

Rbi Repo Rate Cut 2026 यदि आप अपने होम लोन पर संभावित बचत की गणना करना चाहते हैं या पुनर्वित्त विकल्पों पर चर्चा करना चाहते हैं, तो मैं आपकी सहायता कर सकता हूँ।

इससे बचतकर्ताओं के लिए FD कम आकर्षक हो सकते हैं।
इस बीच, होम लोन सेगमेंट में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, जिसमें छोटे ऋणदाता बाजार के नेताओं की तुलना में सस्ती दरों की पेशकश कर रहे हैं।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 30 लाख रुपये तक के ऋण के लिए 7.85% की सबसे कम दरों की पेशकश कर रहे हैं।

केनरा बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूको बैंक 7.90% की पेशकश करते हैं – केनरा की दर 75 लाख रुपये से अधिक के ऋण के लिए लागू होती है, और अन्य 30 लाख रुपये तक के ऋण के लिए।


Rbi Repo Rate Cut 2026 निजी ऋणदाताओं में, साउथ इंडियन बैंक की 30 लाख रुपये तक के ऋण के लिए सबसे कम दर 8.30% है। करूर वैश्य बैंक 8.45% पर है, जबकि पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस और तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक 8.50% की पेशकश करते हैं। बंधन बैंक, एक्सिस बैंक और कर्नाटक बैंक क्रमशः 8.66%, 8.75% और 8.78% की दरें प्रदान करते हैं।

एफडी मार्केट में, नॉर्थईस्ट स्मॉल फाइनेंस बैंक 18 महीने और 1-2 दिन की अवधि के लिए 9% पर सबसे ज़्यादा रिटर्न देता है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया 3,333-दिन की अवधि के लिए 7.5% की शीर्ष दर प्रदान करता है। बंधन बैंक एक साल के लिए 7.75% की दर के साथ निजी बैंकों (छोटे वित्त बैंकों को छोड़कर) में सबसे आगे है। प्रमुख उधारदाताओं में, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक 15 से 24 महीने की अवधि के लिए 6.85% की पेशकश करते हैं। एसबीआई और बैंक ऑफ बड़ौदा विशेष जमा योजनाओं के माध्यम से समान दरें प्रदान करते हैं।

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