Auto Sector Stocks 2025 : मई 2025 में भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर (SIAM द्वारा) का ब्यौरा इस प्रकार रहा:
🚗 कुल वाहन बिक्री और उत्पादन
- कुल घरेलू बिक्री: लगभग 20.13 लाख यूनिट्स, जो पिछले वर्ष मई (19.77 लाख) से लगभग 1.8% की वृद्धि है
- कुल उत्पादन: करीब 25.82 लाख यूनिट्स, इसका मतलब यह है कि उत्पादन +5.2% ऊपर गया है
🚘 पैसेंजर व्हीकल (Passenger Vehicles)
- डिस्पैच (wholesale): 3.03 लाख यूनिट्स (+0.8% YoY)
- डोमेस्टिक सेल्स: 3.44 लाख यूनिट्स, लेकिन इसमें -0.8% की मामूली गिरावट
- कार्स: 93,951 यूनिट्स यानी -12.2% की तेज गिरावट
- Utility Vehicles (UVs): 196,821 यूनिट्स यानी +7.6% की अच्छी ग्रोथ
- Vans: 12,327 यूनिट्स, +12.5% वृद्धि
👉 विचार: UVs की ग्रोथ, SUVs की लोकप्रियता और उपभोक्ता रूझानों पर ध्यान आकर्षित करती है।
🏍️ टू-व्हीलर (Two-Wheelers)
- सेल्स: 16.56 लाख यूनिट्स (+2.2% YoY)
- Scooters: 5.79 लाख यूनिट्स (+7.1%)
- Motorcycles: लगभग स्थिर (~10.39 लाख)
- Mopeds: 7–8% की गिरावट में (~37k)
🛺 थ्री-व्हीलर (Three-Wheelers) & क्वाड्रिसाइकल (Quadricycles)
- थ्री-व्हीलर: 53,942 यूनिट्स (−3.3%)
- क्वाड्रिसाइकल: बेहद कम वॉल्यूम; गिरावट ।
🌍 निर्यात (Exports)
- कुल वाहन निर्यात: लगभग 4.79 लाख यूनिट्स, +22–23% YoY
- PV निर्यात: 67,181 यूनिट्स (+24.4%), जिसमें UV निर्यात +32.3%, Car +17.7%
- टू-व्हीलर निर्यात +21.7% ।
📈 नुकसान-लाभ ओर संकेत
- ठहराव और बदलाव: कुल मिलाकर, घरेलू मांग स्थिर तो बनी रही लेकिन कारों में गिरावट रही, जबकि UVs व दो-व्हीलर की बिक्री में थोड़ी गति बनी रही।
- निर्यात की भूमिका: घरेलू slowdown के बावजूद निर्यात तेज़ी दर से बढ़ा और यह ऑटो सेक्टर की मजबूती का संकेत है
- आगे का सुधार: RBI की हालिया रेपो दर कटौती (100 बेसिस पॉइंट्स) और बेहतर मानसून जैसी सकारात्मक आर्थिक तत्वों के कारण जून-सेप्टेम्बर में मांग सुधार की उम्मीद है ।
✅ निष्कर्ष
मई 2025 में:
- कुल वाहन बिक्री में मामूली वृद्धि।
- पैसेंजर व्हीकल सेक्टर में UVs की जोरदार वृद्धि के साथ कारों की गिरावट।
- टू-व्हीलर के लिए सकारात्मक माह, खासकर स्कूटर।
- थ्री-व्हीलर में धीमी बिक्री।
- निर्यात ने संपूर्ण औद्योगिक प्रदर्शन को संभाला।
- आगामी समय के लिए उम्मीद—उपभोक्ता भरोसा बढ़ने और आर्थिक नीतियों के लाभ के साथ मांग में सुधार की संभावना।
Disclaimer: ऊपर दिए गए विचार और सिफारिशें व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों की हैं, न कि "Invest Rahasya" की। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श करें। निवेश में जोखिम होता है और सही जानकारी के बिना निर्णय लेना हानिकारक हो सकता है।